देहरादून। भाजपा ने सीएए लागू होने पर कांग्रेस और विपक्षी दलों द्वारा बनाये जा रहे नकारात्मक वातावरण तथा बयानबाजियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वह हिंदू, सिख और अन्य शरणार्थियों को अपराधी तथा दुराचारी बताने का प्रयास कर रहे हैं इसे बहुसंख्यक समाज स्वीकार नही करेगा। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चैहान ने कहा कि केजरीवाल समेत कांग्रेस के नेता जिस तरह हिंदू, सिख व अन्य शरणार्थियों को अपराधी और बलात्कारी बताने की कोशिश कर रहे हैं वह एक पूरी कौम का अपमान है। जिसका माकूल जबाब चुनावों में उन्हे जनता से मिलने वाला है।
उन्होंने मीडिया से हुई बातचीत में दुख जताया कि कांग्रेस, आप एवं अन्य विपक्षी पार्टियां अल्पसंख्यक वोट बैंक के लालच में सीएए के मुद्दे पर समाज का माहौल खराब करना चाहते हैं। सभी जानते हैं कि यह कानून नागरिकता देने के लिए है, वह भी धार्मिक रूप से प्रताड़ित उन लोगों को जिन्होंने 2014 तक भारत में शरण के लिए आवेदन किया है या यहां निवास कर रहे हैं। लेकिन विपक्ष जानते हुए भी झूठ बोल रहा है कि ब्।। पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान के सभी अल्पसंख्यकों को नागरिकता दे रहा है। ऐसा करने के पीछे उनका उद्देश्य मुस्लिम वोट बैंक का तुष्टिकरण और समाज के अन्य वर्गों में असुरक्षा की भावना पैदा करना है। भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की परिभाषा में अखंड भारत के वे सभी लोग भी हैं जो परिस्थितिवश देश से बाहर रह गए और वहां धार्मिक भेदभाव से प्रताड़ित हैं। विभाजन के समय पाकिस्तान में रह गए हिंदू और सिख भाइयों की सुरक्षा की गारंटी लेनें की मांग पर स्वर्गीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नेहरू सरकार से इस्तीफा दिया था। तब लियाकत अली और नेहरू के मध्य हुए समझौते में, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की चिंता करने का अधिकार वहां की मुस्लिम सरकार को देने का सरदार पटेल और कांग्रेस बड़े नेताओं ने विरोध किया था । आज इसी समझौते का परिणाम है कि वहां पर अल्पसंख्यक हिंदू, सिख और ईसाई सभी लगभग समाप्ति की ओर बढ़ रहे हैं और जो हैं वे भी धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हैं । लिहाजा हमारा दायित्व है कि भारतवंशी होने के नाते उनकी मदद की जाए और वैध तरीके से उन्हे संरक्षण दिया जाए, जिसका संविधान में स्पष्ट उल्लेख भी है।
श्री चैहान ने केजरीवाल, कांग्रेस समेत उन तमाम विपक्षी नेताओं के इन बयानों की कड़ी निन्दा की है जिसमे उन्होंने इन शरणार्थियों को अपराधी, बलात्कारी, आतंकवादी बताया है । उन्होंने पलटवार किया, इन तीनों देशों से वहां से हजारों अल्पसंख्यक भाई बहिन दशकों से भारत में वैध रूप से शरण लिए हैं, लेकिन एक भी अपाधिक घटना उनके नाम दर्ज नहीं है । जबकि करोड़ों रोहंगिया मुसलमान अवैध घुसपैठ कर भारत में रहकर आतंकवादी एवं अपराधी घटनाओं में लिप्त पाए जा रहे हैं, लेकिन उन्हे कोई विपक्षी नेता बाहर निकालने की बात नही करता है । बल्कि उनको देश में बसाने और अन्य जरूरी अधिकार देने की मांग करता रहता है । ऐसा करने के पीछे वजह साफ है कि उनको संरक्षण देकर समुदाय विशेष को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करना । लेकिन ऐसा करते समय उनका पड़ोसी देशों से आए शरणार्थियों को खुलेआम बलात्कार, अपराध और आतंकवादी बताने की कोशिश करना समूचे हिंदू, सिख, ईसाई और पारसी समाज का सरासर अपमान है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्ष को तुष्टिकरण की राजनीति से रोकना संभव नही, लेकिन ऐसा करने के लिए बहुसंख्यक एवं अन्य समाज को लेकर भ्रम और झूठ फैलाने को किसी भी तरह से देश स्वीकार नहीं करने वाला है। समाज का माहौल खराब करने की इस राजनैतिक साजिश का जवाब देश की जनता, लोकसभा चुनाव में अवश्य देने वाली है।